शरद पवार किसान आंदोलन पर बोले - किसान अभी शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन दूसरा रास्ता अपना लिया तो...

मुंबई
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के बहाने केंद्र सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है। पूर्व कृषि मंत्री और एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि किसान आज शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर इस रास्ते को छोड़कर वे किसी दूसरे रास्ते पर चले गए तो देश के सामने बड़ा संकट आ सकता है शरद पवार ने कहा कि किसान अगर आंदोलन का रास्ता छोड़कर कोई और तरीका अपनाते हैं तो इसकी पूरी जिम्मेदारी बीजेपी (केंद्र) सरकार को लेनी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर जिनके हाथ में हुकूमत है वो संवेदनशील नहीं हैं।

शरद पवार पहले भी कृषि कानूनों को लेकर केंद्र पर हमला कर चुके हैं
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर कोई बयान दिया है। इससे पहले भी उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था। शरद पवार ने कुछ दिन पहले भी ट्वीट कर कहा था कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और एपीएमसी या मंडी प्रणाली में सुधारों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति दलील नहीं देगा, लेकिन इस पर एक सकारात्मक बहस का यह मतलब नहीं है कि यह प्रणाली को कमजोर या नष्ट करने के लिए है।

...तब कृषि मंत्री ने पवार को गिनाए कृषि कानूनों के फायदे
हालांकि शरद पवार के आरोपों का कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विस्तार से जवाब दिया था। सिलसिलेवार ट्वीट कर तोमर ने कहा, 'नए कानून किसानों के लिए अपनी फसल बेचने के लिए नई व्यवस्था का विकल्प देने वाले हैं। इसके तहत वे अपनी फसल राज्य के बाहर भी कहीं भी, किसी को भी आसानी से बेच सकेंगे। इससे उन्हें अपनी फसल की बेहतर कीमत मिल सकेगी। इससे मौजूदा एमएसपी व्यवस्था को कोई नुकसान नहीं होगा।' तोमर ने आगे कहा, 'नई व्यवस्था के तहत मंडियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत इनमें प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और सर्विस और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में इनमें बचत ही होगी। नए कानूनों के अंतर्गत दोनों व्यवस्थाएं किसानों के हित में साथ-साथ चलती रहेंगी।'

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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